loader image

सुश्रुत संहिता हिंदी में

सुश्रुत संहिता (Sushruta Samhita in Hindi) के रचयिता भारत के प्रसिद्ध चिकित्साशास्त्री महर्षि सुश्रुत है। प्राचीन भारत में महर्षि सुश्रुत को शल्य चिकित्सा के जनक माने जाते है। इस संहिता ग्रंथ में 8 प्रकार की सर्जिकल चिकित्सा के सम्बंधित उपायों का विस्तार से वर्णन मिलता है।

यहां एक क्लिक में पढ़े ~ सुश्रुत संहिता अंग्रेजी में

आयुर्वेद मानव सृष्टि के प्रारम्भ से ही उत्पन्न हुआ माना जाता है किन्तु यूरोपीय इतिहासकारों ने आजसे तीन-चार हजार वर्ष के पूर्व में भारत के अन्दर चिकित्सा शास्त्र श्रेष्ठ था ऐसा माना है क्योंकि उनके पास यहां के पूर्व के ऐतिहासिक तत्त्व उपलब्ध नहीं है। किन्तु अब खोज हुई हैं उनसे भारतीय संस्कृति की प्राचीनता मानी हुई क्षेत्र में भी अधिक पुरातन सिद्ध हो रहा है।

यहां एक क्लिक में पढ़ें ~ अगस्त्य संहिता

भारत के प्राचीन काल में दो प्रकार की चिकित्‍सा पद्धति प्रसिद्ध रही हे, एक ‘काय-चिकित्‍सा’ और दूसरी ‘शल्‍य-चिकित्‍सा’ थी। काय-चिकित्‍सा में औषधि से उपचार करने की परम्‍परा रही है, और शल्‍य-चिकित्‍सा में शरीर में होने वाली पीड़ा के लिए शस्‍त्रों और यंत्रों उपयोग करके शल्‍य क्रिया द्वारा सम्‍पन्‍न होती है।

आज के आधुनिक युग में प्लास्टिक सर्जरी करना, टूटी हुई हड्डिया जोड़ना, ऑपरेशन आदि देखकर आप सोचते होंगे की मेडिकल साइंस बहोत उन्नति कर चूका है। परंतु साढ़े तीन हजार वर्ष पहले महर्षि सुश्रुत ये सारी चीजे कर चुके है। महर्षि सुश्रुत द्वारा रचित “सुश्रुत संहिता” में मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन करने का तिरिका कहा गया है। सुश्रुत संहिता को आधार मनाकर भारत ने ही नहीं, परंतु पूरी दुनिया ने सर्जरी करना सीखे है।

प्रसिद्ध सुश्रुत संहिता (Sushruta Samhita in Hindi) ग्रंथ में शल्‍य उपचार करने के यंत्रों और शस्त्रों का उल्लेख मिलता है। इस संहिता में मानव शरीर की शल्‍य चिकित्‍सा के लिए 20 प्रकार के शस्त्रों का विवरण किया गया है।

आयुर्वेद से संबंधित चरक संहिता, सुश्रुत संहिता (Sushruta Samhita in Hindi) और अष्टांग संहिता आयुर्वेद के तीन मुख्य ग्रंथ हैं। चरक संहिता और अष्टांग संहिता मुख्य रूप से चिकित्सा ज्ञान से संबंधित है परंतु अथर्ववेद का हिस्सा माने जाने वाले “सुश्रुत संहिता” में मुख्य रूप से शल्य चिकित्सा का ज्ञान दिया गया है। टूटी हुई हड्डिया जोड़ना, फ्रैक्चर, प्लास्टिक सर्जरी जैसी जटिल से जटिल सर्जरी के साथ-साथ सर्जरी के बाद के उपचार सहित प्रक्रियाएं सुश्रुत संहिता में लिखी है।

 

यह भी पढ़े

श्रीमद भागवत गीता का प्रथम अध्याय

गीता माहात्म्य हिंदी में

वाल्मीकि रामायण

विदुर नीति

ब्रह्म संहिता

राघवयादवीयम्

विविध चिकित्सा हिंदी में

 

Please wait while flipbook is loading. For more related info, FAQs and issues please refer to DearFlip WordPress Flipbook Plugin Help documentation.

Share

Related Books

Share
Share