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नित्य कर्म पूजा प्रकाश हिंदी में

नित्य कर्म पूजा प्रकाश में नित्य-दान, संकल्प-विधि, अतिथि सत्कार, भोजन- विधि, शयन-विधान आदि प्रकरणोंके साथ-साथ नित्य पाठ करनेके स्तोत्रोंका संग्रह भी किया गया है तथा विभिन्न देवोंकी दैनिक उपयोगमें आनेवाली स्तुति और आरतीका संकलन हुआ है।

नित्य कर्म पूजा प्रकाश में विशिष्ट पूजा-प्रकरणके अन्तर्गत स्वस्तिवाचन, गणेश-पूजन, वरुणकलश पूजन, पुण्याहवाचन, नवग्रह पूजन, षोडशमातृका, सप्तघृतमातृका, चतुष्षष्टियोगिनी तथा वास्तुपूजनका भी संग्रह हुआ है। इसके साथ ही पंचदेव, शिव, पार्थिवेश्वर, शालग्राम तथा महालक्ष्मी – दीपमालिका आदिके पूजन- विधान भी प्रस्तुत किये गये हैं।

नित्य कर्म पूजा प्रकाश पुस्तक में व्यक्तिके लौकिक और पारलौकिक उत्थानके लिये तथा नित्य-नैमित्तिक काम्य कर्मोंके सम्पादनके लिये शास्त्रीय प्रक्रिया प्रस्तुत की गयी है।

नित्य कर्म पूजा प्रकाश सनातन धर्म में विभिन्न देवी—दे​वताओं की विभिन्न तरीके से पूजा की जाती है। इस पूजा में पुष्प अर्पित करने से लेकर मंत्र और अनुष्ठान तक का विधिसम्मत तरीका बताया गया है। हरेक देवता और देवी की अराधना की विधि अलग है। साथ ही यह विविधतापूर्ण भी है। इन सब विधियों को एक ही पुस्तक नित्य कर्म पूजा प्रकाश में संकलित करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक को सरल हिंदी भाषा में लिखा गया है ताकि आमजन इसे आसानी से समझ सके। इस पुस्तक के माध्यम से भक्त अपने ईष्ट देव की अराधना विधि सम्मत तरीके से कर सकता है।

 

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