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श्री नरसिंह पुराण हिंदी में

अन्यान्य पुराणोंकी भाँति श्री नरसिंह पुराण (Narasimha Purana in Hindi) भी भगवान श्रीवेदव्यास रचित ही माना जाता है। इस पुराण में सर्ग, प्रतिसर्ग, मन्वन्तर तथा भगवान के सब अवतारों की कथा और अनेक भक्तों के चरित्र वर्णन किये हैं पर विशेष कर के नरसिंह भगवान के चरित्रों का अति विस्तारपूर्वक वर्णन है। इसके सिवाय सूर्य तथा सोम- वंशी प्रधान समराहों के चरित्र ऐसे ढंग से वर्णन किये हैं कि जिनके पढ़ने सुनने से मनुष्य के हृदय में एक अति अपूर्व प्रकाश होकर अवश्य ही भक्ति उत्पन्न होती है।

यहां एक क्लिक में पढ़ें ~ श्री नरसिंह पुराण अंग्रेजी में

श्री नरसिंह पुराण (Narasimha Purana in Hindi) में भगवान अपने भक्तों की रक्षा में कैसे तत्पर हैं और कैसे सहाय करते हैं यह बात इसके पठन से अच्छी प्रकार दृष्टित होती है नरसिंह चौदश आदि व्रतों का विधान और पूजन की युक्ति भी इसमें वर्णित है। भगवान के अवतारों की लीला-कथा है, उसमें भगवान श्रीराम का लीलाचरित प्रधानरूप से वर्णित है।

श्रीमार्कण्डेय मुनिकी मृत्युपर विजय प्राप्त करनेकी सुन्दर कथा है, उसमें ‘यमगीता’ है। कलियुगके मनुष्योंके लिये बड़ी ही आशाप्रद बातें हैं। इसमें कई ऐसे स्तोत्र-मन्त्रोंका विधान बताया गया है, जिनके अनुष्ठानसे भोग-मोक्षकी सिद्धि प्राप्त हो सकती है। भक्तिके स्वरूप, भक्तोंके लक्षण तथा ध्रुव आदि भक्तोंके सुन्दर चरित्रोंका वर्णन है।

अन्य पुराणों की तरह, नरसिंह पुराण हिंदू ब्रह्माण्ड विज्ञान की जानकारी प्रदान करता है, जिसमें ब्रह्मांड का वर्णन, समय की संरचना और देवताओं, ऋषियों और शाही राजवंशों की वंशावली शामिल है। इस पुराण में धर्म, आत्मा की प्रकृति, कर्म की अवधारणा और सदाचारी जीवन जीने के महत्व पर दार्शनिक शिक्षाएं शामिल हैं।

यहां एक क्लिक में पढ़ें ~ अगस्त्य संहिता

नरसिंह पुराण (Narasimha Purana in Hindi) भक्तों के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है, जो भक्ति, नैतिकता और मुक्ति के मार्ग पर शिक्षा प्रदान करता है। इस पुराण की कहानियों और शिक्षाओं ने हिंदू संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया है, विशेष रूप से वैष्णव धर्म की पूजा प्रथाओं में। नरसिंह पुराण की नाटकीय कथाएँ और समृद्ध प्रतीकात्मकता ने भारतीय कला, साहित्य और मंदिर वास्तुकला के विभिन्न रूपों को प्रेरित किया है।

इस छोटेसे पुराणमें बहुत ही उपयोगी तथा जाननेयोग्य सामग्री है। आशा है, पाठक पाठिका इसका पठन-मनन करेंगे तथा इसमें उल्लिखित कल्याणकारी विषयोंको यथारुचि यथावश्यक अपने जीवनमें उतारकर लाभ उठावेंगे।

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