Mahakal Lok Ujjain Complete Information
महाकाल लोक का आकर्षण का केंद्र नंदी द्वार और पिनाकी द्वार, 200 बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं, 108 स्तंभ… महाकाल लोक के बारे में अधिक जानकारी
महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में शिप्रा नदी के किनारे विश्व प्रसिद्ध महाकाल की उज्जैन नगरी में स्थित महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग है। महाकाल लोक का निर्माण पौराणिक रुद्रसागर सरोवर के किनारे किया गया है। उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर परिसर में स्थित महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) का दूसरा नाम महाकाल कॉरिडोर भी है। महाकाल लोक में नंदी द्वार और पिनाकी द्वार यह दो राजसी प्रवेश द्वार थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कॉरिडोर के शुरु में बनाये गए है।
उज्जैन नगरी में स्थित महाकालेश्वर के नवनिर्मित महाकाल लोक के दृश्य को देखकर श्रद्धालु की नजर नहीं हटती है। उज्जैन नगरी का महाकाल लोक अध्यात्म और सुन्दरता का अनोखा मिश्रण है। बाबा महाकाल का दर्शन करने के लिए दर्शनार्थी महाकाल लोक के रास्ते से ही जाएंगे।
महाकालेश्वर मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था, परंतु महाकाल लोक नवनिर्मित होने से महाकालेश्वर मंदिर का क्षेत्रफल 20 हेक्टेयर से भी अधिक हो गया है। इस लोक में भगवान शिव और उनके पुरे परिवार की मुर्तिओ की स्थापना की गई है।
महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) का उद्घाटन:-
महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) के विस्तार का प्रस्ताव साल 2016 में केंद्रीय कैबिनेट में रखा गया। जिसे कैबिनेट ने साल 2017 में पास कर दिया। जिसके बाद से महाकाल लोक का काम शुरू हुआ था। महाकाल लोक का 316 करोड रुपए की लागत से परियोजना का पहला चरण समाप्त कर दिया गया है।
महाकाल लोक का उद्घाटन मंगलवार 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने किया है। महाकाल लोक 900 मीटर से भी ज्यादा लंबा है। यह रुद्रसागर सरोवर के किनारे बना हुआ है। महाकाल लोक का नवनिर्माण 850 करोड़ रूपये से भी अधिक लागत से बनाया गया है।
लोक शब्द का अर्थ :-
“लोक” संस्कृत भाषा का शब्द है, लोक अर्थात “संसार” होता है। हिन्दू धर्म के पुराणों और महाग्रंथों के अनुसार ब्रह्माण्ड में तीन लोक स्वर्ग लोक (देवलोक), पृथ्वी लोक (भूलोक) और पाताल लोक है, जिसे त्रैलोक्य के नाम से जाना जाता है।
पृथ्वी के नीचे सात पाताल लोक हैं, इन सात लोक में से सातवाँ पाताल लोक है। पुराणों में पृत्वी के नीचे के सात पाताल वर्णन मिलता है। यह सात पाताल निम्नलिखित है।
1 ) अतल,
2 ) वितल,
3 ) सुतल,
4 ) तलातल,
5 ) महातल,
6 ) रसातल और
7 ) पाताल
उज्जैन का महाकाल लोक क्या है?:-
मध्य प्रदेश के महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर परिसर का विस्तार किया गया है। केन्द्र सरकार श्री महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के द्वारा यह विस्तार और महाकाल लोक का विकास हुआ है।
महाकाल लोक यानि महाकाल कॉरिडोर में सनातन धर्म और नूतन का अलौकिक संगम और अप्रतिम बनाया गया है। महाकाल लोक में अद्भुत शिल्प कला से भगवान शिव से जुडी कथाओ का मूर्तिकला से 190 रूपों की मूर्तियों चित्रण किआ गया है। महाकाल लोक में भगवान शिव एवं उनके गणों की विभिन्न मुद्राओ का 108 स्तंभ है।
महाकाल लोक चार द्वार पिनाकी, शंख, नंदी और नीलकंठ हैं, और दूसरे फेज में दो द्वार और बनाए जाएंगे। यह चारो गेट से आप महाकाल लोक में प्रवेश कर सकते है। इस लोक को चारों और से खुला बनाया गया है। इसमें नंदी द्वार और पिनाकी द्वार को भव्य प्रवेश द्वार बनाये गए है।
महाकाल लोक में पिनाकी द्वार प्रवेश करने के लिए चारधाम रोड से जा सकते है, गणेश मंदिर के सामने से शंख द्वार से प्रवेश कर सकते है, बेगमबाग से नीलकंठ द्वार जा सकते है, और त्रिवेणी संग्रहालय के पास से 26 फिट उचा नंदी द्वार के लिए जा सकते है।
महाकाल लोक में वैदिक ग्रंथो और पुराणों पर आधारित कथाओ से जुडी मूर्तियां रखी गई हैं। शिव पुराण की विभिन्न कहानियों को दर्शाने वाली मूर्तियां और भित्ति चित्र बनवाए गए हैं। महाकाल लोक में बीचो बिच 50 मीटर डायमीटर एक कमल कुंड का निर्माण किया गया है, जहा पर 24 घंटे भगवान शिव पर जलाभिषेक होता रहता है।
उज्जैन के महाकाल लोक की खासियत:-
1) महाकाल लोक 900 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ हे, इसका पहला चरण पूर्ण हुआ हे, जो करीब 316 करोड़ रुपये की लागत से बना है।
2) महाकालेश्वर मंदिर का क्षेत्रफल पहले 2.82 हेक्टेयर था, जो महाकाल लोक परियोजना पूर्ण होने के पश्चात यह बढ़कर 20 हेक्टेयर हो चूका है। और इसे 47 हेक्टेयर करने का प्रस्ताव है।
3) महाकाल लोक में भगवान शिव, देवी सती से जुडी कथाओ का मूर्तिकला से 190 रूपों की मूर्तियों चित्रण किआ गया है।
4) महाकाल लोक में 26 फीट ऊंचा नंदी द्वार और पिनाकी द्वार मुख्य आकर्षण का केंद्र है। महाकाल लोक में 108 स्तंभ लगाए गए हैं। शिव पुराण को दर्शाने वाले 50 भित्ति चित्र किया गया हैं।
5) महाकाल लोक में भारत देश का पहला नाइट गार्डन बनाया गया है। यहां भगवान शिव, पार्वती और पुराणों की कथा से जुड़ी मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
6) महाकाल लोक में बलुआ पत्थर लगाए गए हैं, जो राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से खास मंगाए गए है। महाकाल लोक को तैयार करने के लिए राजस्थान, गुजरात और ओडिशा से कलाकारों बुलाया गया है।
7) महाकाल लोक में 54 फिट ऊंचा पंचमुखी शिव स्थंभ, नवग्रह वाटिका, कमलकुण्ड और 20 फिट ऊंचा सप्तऋषि प्लाजा है।
महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) की मूर्तियां:-
महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) में भगवान विष्णु, नंदीकेश्वर, शिवभक्त रावण, यक्ष, यक्षिणी, सिंह, बटुक भैरव, पार्वती, ऋषि भृंगी, अर्जुन, ऋषि शुक्राचार्य, शनिदेव भगवान श्री राम, भगवान परशुराम, और ऋषि दधिचि की 9 फीट की 19 मुर्तिया रखी गयी है।
महाकाल लोक में पार्वती के साथ खेलते हुए गणेश को दर्शाया गया जिसमे लेटे हुए गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती आदि की 10 फीट की 8 मुर्तिया रखी गयी है।
महाकाल लोक के प्रवेश द्वार पर गणेश, अष्ट भैरव, अर्धनारीश्वर, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, कश्यप, जमदग्नी आदि की 11 फीट की 17 मुर्तिया रखी गई है।
महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) में भगवान शिव का नृत्य, महेश्वर अवतार, कपालमोचक भगवान शिव, काल भैरव, 11 रुद्र, अघोर अवतार, भगवान शिव की बारात, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, गणेश व कार्तिकेय के साथ पार्वती आदि की 15 फीट ऊंची 23 मुर्तिया रखी गई है।
महाकाल लोक में भगवान शिव का नटराज स्वरुप, पंचमुखी हनुमान, समुद्र मंथन, गणेश, कार्तिकेय, दत्तात्रेय, शिव पार्वती की 18 फीट की 8 मुर्तिया रखी गई है।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर का विकास होने से श्रद्धालु महाकाल के दर्शन के साथ-साथ भगवान शिव से जुड़ी हर कथा के बारे में जानकारी ले सकते है। पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखते हुए महाकाल लोक को बनाया गया है।
महाकाल लोक प्रवेश टिकट:-
महाकाल मंदिर समिति द्वारा महाकाल लोक के अद्भुत सौंदर्य को निहारते हुए महाकाल मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचकर महाकाल के दर्शन के लिए 1500 रुपए टिकट का प्रबंध किया गया है। यह टिकट दो जगह मिल जाता है, जो महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले भक्तो के लिए काफी है। महाकाल लोक में गर्भगृह में दर्शन करने के लिए महाकाल समिति द्वारा एक दिन में 580 टिकट व्यवस्था की गई है। जो बड़े गणपति मंदिर के पास बने कार्यालय से टिकट लेकर सभी श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते है।
महाकाल मंदिर समिति द्वारा सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक 150 टिकट और शाम 6 बजे से रात के 8 बजे तक 50 टिकट भक्तो को दी जाती है। बाकी बचे 380 टिकट महाकाल मंदिर के पुरोहित और पुजारी के यजमान के लिए निर्धारित की गई है।
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