Bhagavad Gita Chapter 14 in Hindi
श्रीमद भागवत गीता के अध्याय चौदह को गुणत्रयविभागयोग के नाम से जाना जाता है। भागवत गीता के चौदह अध्याय में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को ज्ञान की महिमा और प्रकृति-पुरुष से जगत् की उत्पत्ति…
श्रीमद भागवत गीता के अध्याय चौदह को गुणत्रयविभागयोग के नाम से जाना जाता है। भागवत गीता के चौदह अध्याय में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को ज्ञान की महिमा और प्रकृति-पुरुष से जगत् की उत्पत्ति…
महाकाव्य सभी प्राचीन देश की सभ्यता और संस्कृति को प्रगट करने का माध्यम रहा है। महाकाव्य की रचना भारत में संस्कृत, हिंदी और अन्य कई भाषा में हुई है। महाकाव्यों में महर्षि वाल्मीकि रचित रामायण,…
नवरात्रि जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’ देवी दुर्गा के नौ अवतारों की विशेष पूजा करने की विशेष रात्रि को नवरात्री कहते है। नवरात्रि का त्यौहार साल में दो बार आता है। पहली नवरात्री विक्रम संवत के चैत्र मास के शुक्ल…
श्री सत्यनारायण कथा करने का शुभ दिन पूर्णिमा, अमावस्या, रविवार, गुरुवार, संक्रांति के दिन एवं अन्य पर्व-त्यौहारों पर करने का शास्त्रोंक्त विधान मिलता है। सत्यनारायण कथा का प्रारंभ करने से पहले विशेष…
पुराणों के अनुसार भगवान शिवजी की पूजा में अभिषेक और बिल्वपत्र का अधिक महत्व है। शिव पुराण के अनुसार भगवन शिवजी को बिल्व पत्र अति प्रिय है। एक बिल्व पत्र भगवन शिव (शिवलिंग ) पर चढान…
श्रीमद भागवत गीता के अध्याय तेरह को क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग के नाम से जाना जाता है। भागवत गीता के तेरह अध्याय में अर्जुन ने भगावन श्री कृष्ण को कहते हे की में क्षेत्र एवं क्षेत्रज्ञ और ज्ञान एवं ज्ञान…
गायत्री मंत्र चारो वेदो का सबसे अधिक महत्त्व रखने वाला मंत्र है, यह ॐ के लगभग बराबर माना जाता है। गायत्री मंत्र यजुर्वेद के श्लोक ‘ॐ भूर्भुवः स्वः’ और ऋग्वेद के छन्द 3.62.10 के मेल से बना हुआ है।…
श्रीमद भागवत गीता के अध्याय बारह को भक्तियोग के नाम से जाना जाता है। श्रीमद्भगवद्गीता के बारह अध्याय में भगवान श्री कृष्ण ने साकार और निराकार के उपासकों की उत्तमता का निर्णय का वर्णन किया है।…
100 कौरवों के नाम क्या थे? आप सभी ने महाभारत की कथा सुनी ही होगी या टीवी सिरियल में देखि होगी, इसमें 100 कौरव और पांच पांडवो के बिच में महा युद्ध हुआ था। इस युद्ध में धर्म की यानि पांडवो की जित हुई थी।…
अध्याय ग्यारहवाँ में भगवान द्वारा अपने विश्व रूप का वर्णन, संजय द्वारा धृतराष्ट्र के प्रति विश्वरूप का वर्णन।, अर्जुन द्वारा भगवान के विश्वरूप का देखा जाना और उनकी स्तुतिकरना, भगवान द्वारा अपने प्रभाव का वर्णन और…
श्रीमद भागवत गीता के अध्याय दस को विभूतियोग के नाम से जानते है। भगवद गीता के अध्याय दस में 1 श्लोक से 7 में श्लोक तक भगवान श्री कृष्ण की वृद्धि और योगशक्ति का वचन तथा उनके जानने का फल…
श्रीमद भागवत गीता के नौवाँ अध्याय को राजविद्याराजगुह्ययोग कहा गया हे। भागवत गीता के अध्याय नौवाँ मे भगवान श्री कृष्णा अर्जुन को परम गोपनीय ज्ञानोपदेश, उपासनात्मक ज्ञान, ईश्वर का विस्तार, जगत की उत्पत्ति…