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काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च।
अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं।।
Mahabharata Adi Parva Chapters 11 to 16
॥ श्रीहरिः ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीवेदव्यासाय नमः ॥ श्रीमहाभारतम् आदिपर्व ~(Mahabharata Adi Parva Chapters 11 to 16) महाभारत आदि पर्व के इस पोस्ट में अध्याय 11 से अध्याय 16 (Mahabharata Adi Parva Chapters 11 to 16) दिया गया है। इस में डुण्डुभकी आत्मकथा तथा उसके द्वारा रुरुको अहिंसाका उपदेश, जनमेजयके सर्पसत्रके विषयमें रुरुकी जिज्ञासा और पिताद्वारा उसकी पूर्ति, जरत्कारुका
Garga Samhita श्री गर्ग संहिता
श्री गर्ग संहिता (Garga Samhita) हिंदू धर्म में एक पवित्र ग्रंथ है, जो विशेष रूप से पौराणिक शैली से संबंधित है। इसका श्रेय ऋषि गर्ग को दिया जाता है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रतिष्ठित ऋषि थे और ज्योतिष, खगोल विज्ञान और वेदों के गहन ज्ञान के लिए जाने जाते थे। श्री गर्ग संहिता (Garga Samhita) मुख्य रूप से
Kaal Bhairav Ashtakam in Hindi
श्री काल भैरव अष्टकम | Kaal Bhairav Ashtakam in Hindi श्री काल भैरव अष्टकम (Kaal Bhairav Ashtakam in Hindi) एक शक्तिशाली संस्कृत भजन या प्रार्थना है जो भगवान काल भैरव को समर्पित है, जो भगवान शिव का एक उग्र और दुर्जेय स्वरुप है। माना जाता है कि काल भैरव अष्टकम की रचना महान दार्शनिक और संत आदि शंकराचार्य ने की
Raghuvansham Pancham Sarg
रघुवंशम् महाकाव्य पञ्चम सर्ग | Raghuvansham Pancham Sarg रघुवंशम् महाकाव्य के पञ्चम सर्ग (Raghuvansham Pancham Sarg) को अजस्वयम्वरसभाभिगमन कहा जाता है। इस सर्ग में राजा रघु ने अपनी सारी संपत्ति विश्वजीत यज्ञ में त्याग करने का वर्णन किया गया है। रघुवंशम् महाकाव्य के पञ्चम सर्ग में रघु ने कुबेर से युद्ध की तैयारी, वरतन्तु का शिष्य कौत्स के पुत्र प्राप्त
Gyanvapi History in Hindi
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi History) को लेकर आज बहुत चर्चित विषय बना हुआ है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी मंदिर में बना विवादित ढांचा जिसे लोग ज्ञानवापी मस्जिद कहते हैं दोनों के निर्माण और पुनर्निमाण को लेकर कई तरह की धारणाएँ हैं। आज हम जानते हे, मंदिर और मस्जिद के 350 साल से भी ज्यादा पुराना विवाद का इतिहास
Learn About Sanskrit Language
Learn about the origin and development of Sanskrit language भाषासु मुख्या मधुरा दिव्य गीर्वाणभारती। तस्यां हि काव्यं मधुरं, तस्मादपि सुभाषितम्।। Bhashasu Mukhya Madhura Divya Girvanbharti. Tasyaan Hi Kavyam Madhuram, Tasmadapi Subhashitam. Meaning: Of all languages, God’s own language- Sanskrit is the mother, divine, and most lyrical language. In Sanskrit, poetry is most melodious, wherein good sayings hold a prime position.
Chanakya Niti chapter 3 in Hindi
चाणक्य नीति : तीसरा अध्याय | Chanakya Niti : Chapter 3 In Hindi ॥ अथ तृतीयोऽध्यायः ॥ चाणक्य नीति का अध्याय 3 (Chanakya Niti chapter 3 in Hindi ) इस संग्रह के अध्यायों में से एक है जो शासन, नैतिकता और व्यक्तिगत आचरण सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करता है। चाणक्य नीति के प्रत्येक
Rudra Samhita Chapter 1 to Chapter 10
।। ॐ नमः शिवाय ।। श्रीरुद्र संहिता प्रथम खण्ड | Rudra Samhita Chapter 1 to Chapter 10 प्रथम खण्ड अध्याय 1 से अध्याय 10 श्रीरुद्र संहिता प्रथम खंड अध्याय 1 से अध्याय 10 (Rudra Samhita Chapter 1 to Chapter 10) में भगवान शिव और माँ पार्वती के दिव्य स्वरूपों का वर्णन किया गया है। प्रथम अध्याय में ऋषिगणों की वार्ता,
Formula for Electric Battery in Agastya Samhita
Maharishi Agastya had invented electricity generation as well as use of electricity, electric wire and battery cell.(Formula for Electric Battery) Maharishi Agastya (Formula for Electric Battery) is known in history for his immense abilities and contributions to mankind. Their essence is documented in the 3,000-year-old text ‘Agastya Samhita’, which also includes kites, balloons and aeroplanes, Ayurveda, astrology, martial arts and
Shri Govind Stotram in Hindi
श्री गोविंदस्तोत्र | Shri Govind Stotram | श्री गर्ग संहिता “श्री गोविंद स्तोत्रम” (Shri Govind Stotram) भगवान कृष्ण के गुणों और दिव्य गुणों की प्रशंसा करने वाली एक भक्ति रचना है। यह भगवान कृष्ण को समर्पित एक विशिष्ट भजन है, श्री कृष्ण को गोविंदा के नाम से भी जाना जाता है। श्री गोविंद स्तोत्रम (Shri Govind Stotram) पाठ अक्सर भक्त
Mahabharata Adi Parva Chapter Four to Chapter Ten
॥ श्रीहरिः ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीवेदव्यासाय नमः ॥ श्रीमहाभारतम् आदिपर्व महाभारत आदि पर्व के इस पोस्ट में अध्याय 4 से अध्याय 10 (Adi Parva Chapter Four to Chapter Ten) दिया गया है। अध्याय चार को कथा प्रवेश कहते है। अध्याय पांच में भृगुके आश्रमपर पुलोमा दानव का आगमन और उसकी अग्निदेव के साथ बातचीत का वर्णन किया गया है,
Raghuvansham Chaturth Sarg
रघुवंशम् महाकाव्य चतुर्थ सर्ग | Raghuvansham Chaturth Sarg रघुवंशम् महाकाव्य का चौथा सर्ग (Raghuvansham Chaturth Sarg ) महाराज रघु की उल्लेखनीय यात्रा और विजय को दर्शाता है। रघुवंशम् महाकाव्य चतुर्थ सर्ग में आपको महाराज रघु के विजयपूर्वक अनेक समुद्रादि देशों पर अभियान करने का वर्णन है। इसमें महाराज रघु की वीरता, न्यायपालन, धर्मपरायणता, और देवीयों के साथ सम्बन्ध का भी उल्लेख