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काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च।
अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं।।
Rudra Samhita Chapter 1 to Chapter 10
।। ॐ नमः शिवाय ।। श्रीरुद्र संहिता प्रथम खण्ड | Rudra Samhita Chapter 1 to Chapter 10 प्रथम खण्ड अध्याय 1 से अध्याय 10 श्रीरुद्र संहिता प्रथम खंड अध्याय 1 से अध्याय 10 (Rudra Samhita Chapter 1 to Chapter 10) में भगवान शिव और माँ पार्वती के दिव्य स्वरूपों का वर्णन किया गया है। प्रथम अध्याय में ऋषिगणों की वार्ता,
Formula for Electric Battery in Agastya Samhita
Maharishi Agastya had invented electricity generation as well as use of electricity, electric wire and battery cell.(Formula for Electric Battery) Maharishi Agastya (Formula for Electric Battery) is known in history for his immense abilities and contributions to mankind. Their essence is documented in the 3,000-year-old text ‘Agastya Samhita’, which also includes kites, balloons and aeroplanes, Ayurveda, astrology, martial arts and
Shri Govind Stotram in Hindi
श्री गोविंदस्तोत्र | Shri Govind Stotram | श्री गर्ग संहिता “श्री गोविंद स्तोत्रम” (Shri Govind Stotram) भगवान कृष्ण के गुणों और दिव्य गुणों की प्रशंसा करने वाली एक भक्ति रचना है। यह भगवान कृष्ण को समर्पित एक विशिष्ट भजन है, श्री कृष्ण को गोविंदा के नाम से भी जाना जाता है। श्री गोविंद स्तोत्रम (Shri Govind Stotram) पाठ अक्सर भक्त
Mahabharata Adi Parva Chapter Four to Chapter Ten
॥ श्रीहरिः ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीवेदव्यासाय नमः ॥ श्रीमहाभारतम् आदिपर्व महाभारत आदि पर्व के इस पोस्ट में अध्याय 4 से अध्याय 10 (Adi Parva Chapter Four to Chapter Ten) दिया गया है। अध्याय चार को कथा प्रवेश कहते है। अध्याय पांच में भृगुके आश्रमपर पुलोमा दानव का आगमन और उसकी अग्निदेव के साथ बातचीत का वर्णन किया गया है,
Raghuvansham Chaturth Sarg
रघुवंशम् महाकाव्य चतुर्थ सर्ग | Raghuvansham Chaturth Sarg रघुवंशम् महाकाव्य का चौथा सर्ग (Raghuvansham Chaturth Sarg ) महाराज रघु की उल्लेखनीय यात्रा और विजय को दर्शाता है। रघुवंशम् महाकाव्य चतुर्थ सर्ग में आपको महाराज रघु के विजयपूर्वक अनेक समुद्रादि देशों पर अभियान करने का वर्णन है। इसमें महाराज रघु की वीरता, न्यायपालन, धर्मपरायणता, और देवीयों के साथ सम्बन्ध का भी उल्लेख
Navdha Bhakti
Navdha Bhakti | नवधा भक्ति – भगवान से जुड़ने के नौ तरीके धर्मग्रंथों में 9 प्रकार की भक्ति को नवधा भक्ति (Navdha Bhakti) कहते हैं। नवधा भक्ति का संक्षिप्त कथन धर्मग्रंथों और शास्त्रों में दो युगों में किया गया है। प्रथम भगवान श्रीराम ने त्रेतायुग में माता शबरी को ‘नवधा भक्ति’ के बारे में कहा था। और दूसरा प्रह्लाद ने
Chanakya Niti chapter 2 in Hindi
चाणक्य नीति : दूसरा अध्याय | Chanakya Niti Chapter 2 In Hindi चाणक्य नीति के अध्याय 2 (Chanakya Niti chapter 2 in Hindi) में चाणक्य द्वारा कई विषयों को शामिल किया गया है, और इसका परिचय आम तौर पर अनुसरण किए जाने वाले ज्ञान और ज्ञानचक्षु के लिए स्वर निर्धारित करता है। इस अध्याय के छंद मार्ग दर्शन एवं संचालन
Vidyeshwar Samhita 21 Chapter To 25 Chapter
विद्येश्वर संहिता (Vidyeshwar Samhita 21 Chapter To 25 Chapter) के इक्कीसवां अध्याय से पच्चीसवां अध्याय में शिवलिंग की संख्या, शिव नैवेद्य और बिल्व माहात्म्य, शिव नाम की महिमा, भस्मधारण की महिमा और रुद्राक्ष माहात्म्य का वर्णन किया गया है। यहां एक क्लिक में पढ़ें ~ विद्येश्वर संहिता प्रथम अध्याय से दसवें अध्याय तक ॥ ॐ नमः शिवाय ॥ विद्येश्वर संहिता
Shri Surya Chalisa in Hindi
Shri Surya Chalisa in Hindi | “श्री सूर्य चालीसा” सूर्य उपासना का शुभ और सरल उपाय “सूर्य चालीसा” (Shri Surya Chalisa in Hindi) हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को समर्पित एक भक्ति भजन है। भक्तों द्वारा अपनी भक्ति व्यक्त करने और स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक कल्याण के लिए भगवान सूर्य का आशीर्वाद लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है।
Mahalakshmi Ashtakam Lyrics in English
Read the miraculous hymn of Mahalakshmi, an impressive worship composed by Indra himself. There are seven days of the week in the Hindu calendar, these seven days are dedicated to some deity or the other. Thus, Friday is dedicated to Mahalakshmi, and the tradition of worshiping Mahalakshmi on this day is mentioned in the scriptures. After worshiping Mahalakshmi duly, Mahalakshmi
Mahabharat Adi Parva Tritiya Adhyay in Hindi
॥ श्रीहरिः ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीवेदव्यासाय नमः ॥ श्रीमहाभारतम् आदिपर्व तृतीयोऽध्यायः ॥ पौष्यपर्व ॥ आदिपर्व के तृतीय अध्याय (Mahabharat Adi Parva Tritiya Adhyay) को पौष्यपर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस अध्याय में जनमेजय को सरमाका शाप का वर्णन, जनमेजय द्वारा सोमश्रवा का पुरोहित के पदपर वरण, आरुणि, उपमन्यु, वेद और उत्तंककी गुरुभक्ति तथा उत्तंकका सर्पयज्ञके लिये
Raghuvansh Mahakavya Tritiya Sarg in Hindi
रघुवंशम् महाकाव्य तृतीय सर्ग | Raghuvansham Tritiya Sarg “रघुवंशम महाकाव्य” (Raghuvansham Tritiya Sarg) महान भारतीय कवि कालिदास द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध संस्कृत महाकाव्य है। यह महाकाव्य कालिदास की सबसे प्रसिद्ध कृतियों में से एक है, और इसमें उन्नीस सर्ग या “सर्ग” शामिल हैं। “रघुवंशम महाकाव्य” के तीसरे सर्ग में, सुलक्षणा के गर्भ के लक्षण और रघु के जन्म एवं महाराज