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काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च।
अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं।।
Lingashtakam Stotram in Hindi
देवो के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए लिंगाष्टकम स्तोत्र (Lingashtakam Stotram) का पाठ जरूर करें: श्री लिंगाष्टकम स्तोत्र (Lingashtakam Stotram) एक अत्यंत प्रसिद्ध और पवित्र स्तोत्र है, जो भगवान शिव के लिंग रूप की महिमा का वर्णन करता है। इसे संस्कृत भाषा में रचा गया है और यह भगवान शिव के अनन्य भक्तों द्वारा विशेष रूप से पूजा
Mahabharata Adi Parva Chapter 22 to 26
॥ श्रीहरिः ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीवेदव्यासाय नमः ॥ श्रीमहाभारतम् आदिपर्व (Adi Parva Chapter 22 to 26) महाभारत आदि पर्व के इस पोस्ट में अध्याय 22 से अध्याय 26 (Adi Parva Chapter 22 to 26) दिया गया है। इसमे नागों द्वारा उच्चैःश्रवा की पूँछ को काली बनाना; कद्रू और विनता का समुद्र को देखते हुए आगे बढ़ना, पराजित विनता का
Das Mahavidya Introduction in Telugu
పది మహావిద్యలు (Das Mahavidya in Telugu) ఏవి? పేరు, బీజ మంత్రం మరియు మూల కథ తెలుసుకోండి పది మహావిద్యల (Das Mahavidya in Telugu) వివరణ గ్రంథాలు మరియు పురాణాలలో కనిపిస్తుంది. తంత్ర సాధన మరియు తంత్ర విద్యలలో ఈ పది మహావిద్యలకు విశేష ప్రాముఖ్యత ఉంది. మహావిద్య యొక్క సాహిత్యపరమైన అర్థం “మహా” అంటే గొప్ప, భారీ, విశాలమైన; మరియు “విద్య” అంటే జ్ఞానం. ఈ పది మహావిద్యలను పూజించడం, ఆచరించడం వల్ల విశేష ఫలితాలు లభిస్తాయి. ఈ పది
Krishna Janmashtami Festival
श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों और कैसे मनाते हैं , जानें श्री कृष्ण जन्म कथा, और अनुष्ठान मानव जीवन सबसे सुंदर और सर्वोत्तम होता है। मानव जीवन की खुशियों का प्रभाव वास्तव में अद्वितीय है, और इस संदर्भ में, ऐसा कहा जाता है कि भगवान भी इस खुशी को अनुभव करने के लिए समय-समय पर धरती पर अवतरित होते रहे हैं।
Hanuman Ashtak
संकटमोचन हनुमान अष्टक – Sankatmochan Hanuman Ashtak “संकटमोचन हनुमान अष्टक” (Hanuman Ashtak) भगवान हनुमान को समर्पित एक पूजनीय भजन है, जो हिंदू धर्म में सबसे प्रसिद्ध देवताओं में से एक हैं। महान कवि तुलसीदास द्वारा रचित, जो अपने महाकाव्य “रामचरितमानस” के लिए भी प्रसिद्ध हैं, यह भजन एक शक्तिशाली भक्ति मंत्र है जिसका उद्देश्य संकट को कम करने और बाधाओं
Narmada Parikrama
नर्मदे हर…नर्मदे हर…नर्मदे हर… नर्मदा परिक्रमा (Narmada Parikrama) मार्ग, धर्मशाला-सदाव्रत और परिक्रमा के नियम की जानकारी नर्मदा की परिक्रमा (Narmada Parikrama) विश्व के सर्वोत्तम धार्मिक यात्राओं में से एक है। यह यात्रा नर्मदा नदी के पवित्र जल के चारों ओर की जाती है और नर्मदा नदी के महत्व को प्रस्तुत करती है। इस यात्रा के दौरान प्रत्येक यात्री नर्मदा के
Raghuvansh Mahakavya 7 Sarg
रघुवंश महाकाव्य सप्तम सर्ग | Raghuvansh Mahakavya 7 Sarg संस्कृत कवि कालिदास द्वारा रचित “रघुवंश महाकाव्य” का सातवाँ सर्ग (Raghuvansh Mahakavya 7 Sarg) मुख्य रूप से राजा रघु के पुत्र अज के विवाह और उसके बाद के पराक्रमों पर विस्तृत वर्णन कहा गया है। इस खंड में अज और इंदुमती के विवाह और उसके बाद की घटनाओं का विवरण है।
Chanakya Niti chapter 5 in Hindi
चाणक्य नीति : पांचवा अध्याय | Chanakya Niti : Chapter 5 In Hindi ॥ अथ पंचमोऽध्यायः ॥ चाणक्य नीति का पांचवें अध्याय (Chanakya Niti chapter 5) में चाणक्य कहते हे की धन से धर्म की, योग से विद्या की, मधुरता से राजा की और अच्छी स्त्रियों से घर की रक्षा होती है। चाणक्य नीति के अध्याय 5 में जीवन के
Shri Shani Stotra in Hindi
शनिवार को सुबह एवं शाम करें श्री शनि स्तोत्र (Shani Stotra) का पाठ प्रसन्न हो जाएंगे शनिदेव, शनि के कोप से अवश्य मिलेगी मुक्ति श्री शनि स्तोत्र (Shani Stotra) एक प्राचीन संस्कृत मंत्र है जो भगवान शनि की महिमा, गुणों और शक्तियों की प्रशंसा करता है। यह स्तोत्र शांति और शुभता के लिए शनि ग्रह के प्रभाव का आह्वान करता
Rudra Samhita Dwitiya Khand Chapter 1 to 10
श्रीरुद्र संहिता द्वितीय खण्ड अध्याय 1 से 10 | Rudra Samhita Dwitiya Khand Chapter 1 to 10 श्रीरुद्र संहिता द्वितीय खण्ड (Rudra Samhita Khand-2 Chapter 1 to 10)अध्याय 1 से अध्याय 10 में माता सती का चरित्र वर्णन, भगवान शिव-पार्वती का चरित्र वर्णन, कामदेव को ब्रह्माजी द्वारा शाप देना, कामदेव और रति का विवाह वर्णन, संध्या का चरित्र, संध्या की
Mahabharata Adi Parva Chapters 17 to 21
॥ श्रीहरिः ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीवेदव्यासाय नमः ॥ श्रीमहाभारतम् आदिपर्व ~ (Mahabharata Adi Parva Chapters 17 to 21) महाभारत आदि पर्व (Adi Parva Chapters 17 to 21) के इस पोस्ट में अध्याय 17 से अध्याय 21 दिया गया है। इसमे मेरुपर्वतपर अमृतके लिये विचार करनेवाले देवताओंको भगवान् नारायणका समुद्रमन्थनके लिये आदेश, देवताओं और दैत्योंद्वारा अमृतके लिये समुद्रका मन्थन, अनेक रत्नोंके
Shri Gayatri Kavacham in Hindi
श्री गायत्री कवचम् | Shri Gayatri Kavacham श्री गायत्री कवचम् (Gayatri Kavacham) एक दिव्य कवचम है जिसे स्वयं भगवान विष्णु ने देवर्षि नारद को कहा था और इस कवच की रचना महर्षि वेद व्यास ने की थी। श्री गायत्री कवचम् का उल्लेख श्रीमद् भागवतम पुराण के 12वें स्कंदम में किया गया है। भगवान श्रीमन नारायण देवर्षि नारद को श्री गायत्री