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काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च।
अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं।।

Kanakdhara Stotra

Kanakdhara Stotra

कनकधारा स्तोत्र (Kanakdhara Stotra): धन, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करने वाला दिव्य स्तोत्र कनकधारा स्तोत्र (Kanakdhara Stotra) आदि शंकराचार्य जी द्वारा रचित एक अत्यंत प्रसिद्ध स्तोत्र है, यह स्तोत्र माँ लक्ष्मी की स्तुति है, जिसमें उनका आह्वान किया जाता है कि वे अपने भक्तों पर कृपा बरसाएँ। इसका उद्देश्य माँ लक्ष्मी का आह्वान कर उनकी कृपा प्राप्त करना है, जिससे

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Radha Rani ke 28 Naam

Radha Rani ke 28 Naam

श्री राधा रानी के इन 28 नामों (Radha Rani ke 28 Naam) के जाप से पूरी हो जाएगी, हर मनोकामना। श्री राधा रानी, जिन्हें प्रेम और भक्ति की देवी माना जाता है, हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती हैं। श्रीकृष्ण की अनन्य प्रेमिका और आध्यात्मिक साथी के रूप में पूजनीय राधा रानी, भक्तों को अनंत शांति और सुख प्रदान करती

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Raghuvansh 9 Sarg

Raghuvansh 9 Sarg

रघुवंश नवमः सर्ग | Raghuvansh 9 Sarg ॥ कालिदासकृत रघुवंशम् महाकाव्य नवमः सर्गः ॥ संस्कृत कवि कालिदास द्वारा रचित “रघुवंश महाकाव्य” का नवम (Raghuvansh 9 Sarg) को मृगयावर्णन कहा गया है। इस सर्ग में राजा दशरथ के शासन, उनके विवाह, यज्ञ, वसंतोत्सव, और श्रवणकुमार की करुण कथा का हृदयस्पर्शी विवरण दिया गया है। राजा दशरथ ने अपने पिता के पश्चात

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Navgrah Stotra

Navgrah Stotra

नवग्रह स्तोत्र (Navgrah Stotra): ग्रहों की कृपा प्राप्ति के लिए शक्तिशाली स्तुति नवग्रह स्तोत्र (Navgrah Stotra) एक प्राचीन वैदिक स्तोत्र है, जो नवग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) की स्तुति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए रचा गया है। नवग्रह, वैदिक ज्योतिष में, जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालने वाले मुख्य ग्रह माने

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Pushpanjali Mantra

Pushpanjali Mantra

संपूर्ण पुष्पांजलि मंत्र – Sampurna Pushpanjali Mantra पुष्पांजलि मंत्र (Pushpanjali Mantra) संस्कृत में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र स्तोत्र है जो प्रायः हिंदू धार्मिक समारोहों के अंत में पुष्पांजलि अर्पित करते समय गाया जाता है। यह स्तोत्र ऋग्वेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद से लिए गए मंत्रों का एक संग्रह है, और इसका उद्देश्य ईश्वर को कृतज्ञता प्रकट करना, उनकी स्तुति करना

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Rudra Samhita Khand-2 Chapter 21 to 30

Rudra Samhita Khand-2 Chapter 21 to 30

श्रीरुद्र संहिता द्वितीय खण्ड अध्याय 21 से 30 | Rudra Samhita Khand-2 Chapter 21 to 30 श्रीरुद्र संहिता द्वितीय खण्ड अध्याय 21 से अध्याय 30 (Rudra Samhita Khand-2 Chapter 21 to 30) में शिव-सती विहार, शिव-सती का हिमालय गमन, शिव द्वारा ज्ञान और मोक्ष का वर्णन, शिव की आज्ञा से सती द्वारा श्रीराम की परीक्षा, श्रीराम का सती के संदेह

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Bhoothnath Ashtakam

Bhootnath Ashtakam

भूतनाथ अष्टकम्: (Bhootnath Ashtakam) भगवान शिव के भूतनाथ स्वरूप की महिमा और स्तुति भूतनाथ अष्टकम् (Bhootnath Ashtakam) एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो भगवान शिव के भूतनाथ स्वरूप की स्तुति करता है। “भूतनाथ” शब्द का अर्थ है “प्राणियों के स्वामी” या “भूतों के अधिपति”। भूतनाथ, जो सभी भूतों (जीवों और तत्वों) के अधिपति हैं, शिव के एक अद्वितीय

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Adi Parva Chapter 27 to 31

Mahabharata Adi Parva Chapter 27 to 31

॥ श्रीहरिः ॥ श्रीगणेशाय नमः  ॥ श्रीवेदव्यासाय नमः ॥ श्रीमहाभारतम् आदिपर्व (Adi Parva Chapter 27 to 31) महाभारत आदि पर्व के इस पोस्ट में अध्याय 27 से अध्याय 31 (Adi Parva Chapter 27 to 31) दिया गया है। इसमे रामणीयक द्वीपके मनोरम वनका वर्णन तथा गरुडका दास्यभावसे छूटनेके लिये सर्पोंसे उपाय पूछने क वर्णन है। गरुडका अमृतके लिये जाना और

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Tantroktam Devi Suktam

Tantroktam Devi Suktam

तांत्रोक्तम् देवी सूक्तम् (Tantroktam Devi Suktam) के माध्यम से देवी से ज्ञान, शक्ति और भक्ति की प्राप्ति का आग्रह। तांत्रोक्तम् देवी सूक्तम् (Tantroktam Devi Suktam) एक महत्त्वपूर्ण वैदिक स्तोत्र है, जिसमें देवी महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती की महिमा का वर्णन है। इस सूक्त का पाठ तंत्र ग्रंथों से लिया गया है और इसमें देवी को शक्ति के विभिन्न रूपों में

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Chakravyuh in Mahabharata

Chakravyuh in Mahabharata

To win the Mahabharata war, not only Chakravyuh (Chakravyuh in Mahabharata), but the Kaurava and Pandava forces formed 11 formations. In Mahabharata, you must have heard only the name of Chakravyuh (Chakravyuh in Mahabharata). But in the war of Mahabharata, there is mention of many types of formations. To fight the war, the side or the opposition used to form

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Chanakya Niti chapter 6 in Hindi

Chanakya Niti chapter 6 in Hindi

चाणक्य नीति : छठा अध्याय | Chanakya Niti  Chapter 6 In Hindi ॥ अथ षष्ठोऽध्यायः ॥ चाणक्य नीति के छठे अध्याय (Chanakya Niti chapter 6 in Hindi) में चाणक्य यह महत्वपूर्ण बात कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए और सही समय का इंतजार करना चाहिए। वे बगुले का उदाहरण देते हैं, जो शांति और

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Shiv Tandav Stotram Lyrics in Telugu

Shiv Tandav Stotram Lyrics in Telugu

తెలుగులో శివ తాండవ్ స్తోత్ర అర్థం | Shiv Tandav Stotram Lyrics in Telugu శివ తాండవ స్తోత్రాన్ని (Shiv Tandav Stotram Lyrics in Telugu) రచించిన లంకాపతి రావణుడు గొప్ప శివ భక్తుడు. మహా శివ భక్తుడైన రావణుడు 15 శ్లోకాలు పాడి శివుడిని స్తుతించాడు. ఈ రోజు మనం ఈ శ్లోకాన్ని “శివ్ తాండవ స్తోత్రం” అని తెలుసు. శివ తాండవ స్తోత్రం యొక్క భాష చాలా కష్టం, కానీ మహా పండితుడు రావణుడు శివుడిని ప్రసన్నం చేసుకోవడానికి

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